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Kaari Kaari Video (MV)




Performed By: Quratulain Balouch
Length: 6:27
Written by: SHANTANU MOITRA, TANVEER GHAZI
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Quratulain Balouch - Kaari Kaari Lyrics
Official




कारी कारी रैना सारी सौ अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
रोशनी के पावं में ये बेड़ियाँ सी क्यूँ आईं
क्यूँ आईं
उजियारे कैसे
अंगारे जैसे
च्चाओं च्चाली धूप मैली क्यू है री

कारी कारी रैना सारी सौ अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
रोशनी के पावं में ये बेड़ियाँ सी क्यूँ आईं
क्यूँ आईं
उजियारे कैसे
अंगारे जैसे
च्चाओं च्चाली धूप मैली क्यू है री

तितलियों के पंखों पर
रख दिए गये पत्थर
आए खुदा तू गुम है कहाँ
रेशमी लिबासों को चीरते हैं कुछ खंजर
आए खुदा तू गुम है कहाँ
क्या रीत चल पड़ी है
क्या आग जल पड़ी है
क्यूँ चीखता है सूरमाई धुआँ
क्या रीत चल पड़ी है
क्या आग जल पड़ी है
क्यूँ चीखता है सूरमाई धुआँ

कारी कारी रैना सारी सौ अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
रोशनी के पावं में ये बेड़ियाँ सी क्यूँ आईं
क्यूँ आईं
उजियारे कैसे
अंगारे जैसे
च्चाओं च्चाली धूप मैली क्यू है री

पंखुड़ी क बेटी है
कंकरो पे लेटी है
बारिशें है तेज़ाब की
ना ये उठके चलती है
ना चीता में जलती है
लाश है यह किस ख्वाब की
रातों मैं पल रही हैं
सड़कों पे चल रही हैं
क्यूँ बाल खोले दहशतें यहाँ
रातों मैं पल रही हैं
सड़कों पे चल रही हैं
क्यूँ बाल खोले दहशतें यहाँ

कारी कारी रैना सारी सौ अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
रोशनी के पावं में ये बेड़ियाँ सी क्यूँ आईं
क्यूँ आईं
उजियारे कैसे
अंगारे जैसे
च्चाओं च्चाली धूप मैली क्यू है री
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कारी कारी रैना सारी सौ अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
रोशनी के पावं में ये बेड़ियाँ सी क्यूँ आईं
क्यूँ आईं
उजियारे कैसे
अंगारे जैसे
च्चाओं च्चाली धूप मैली क्यू है री

कारी कारी रैना सारी सौ अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
रोशनी के पावं में ये बेड़ियाँ सी क्यूँ आईं
क्यूँ आईं
उजियारे कैसे
अंगारे जैसे
च्चाओं च्चाली धूप मैली क्यू है री

तितलियों के पंखों पर
रख दिए गये पत्थर
आए खुदा तू गुम है कहाँ
रेशमी लिबासों को चीरते हैं कुछ खंजर
आए खुदा तू गुम है कहाँ
क्या रीत चल पड़ी है
क्या आग जल पड़ी है
क्यूँ चीखता है सूरमाई धुआँ
क्या रीत चल पड़ी है
क्या आग जल पड़ी है
क्यूँ चीखता है सूरमाई धुआँ

कारी कारी रैना सारी सौ अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
रोशनी के पावं में ये बेड़ियाँ सी क्यूँ आईं
क्यूँ आईं
उजियारे कैसे
अंगारे जैसे
च्चाओं च्चाली धूप मैली क्यू है री

पंखुड़ी क बेटी है
कंकरो पे लेटी है
बारिशें है तेज़ाब की
ना ये उठके चलती है
ना चीता में जलती है
लाश है यह किस ख्वाब की
रातों मैं पल रही हैं
सड़कों पे चल रही हैं
क्यूँ बाल खोले दहशतें यहाँ
रातों मैं पल रही हैं
सड़कों पे चल रही हैं
क्यूँ बाल खोले दहशतें यहाँ

कारी कारी रैना सारी सौ अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
रोशनी के पावं में ये बेड़ियाँ सी क्यूँ आईं
क्यूँ आईं
उजियारे कैसे
अंगारे जैसे
च्चाओं च्चाली धूप मैली क्यू है री
[ Correct these Lyrics ]
Writer: SHANTANU MOITRA, TANVEER GHAZI
Copyright: Lyrics © Royalty Network


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