Back to Top

Akela Hoon Main Humsafar Video (MV)




Performed By: Mohammed Rafi
Length: 4:32
Written by: LAXMIKANT PYARELAL, RAJA MEHDI ALI KHAN
[Correct Info]



Mohammed Rafi - Akela Hoon Main Humsafar Lyrics
Official




अकेला हूँ मैं हमसफ़र ढूँढता हूँ
मोहब्बत की मैं रेहगुजर ढूँढता हूँ
अकेला हूँ मैं हमसफ़र ढूँढता हूँ
मोहब्बत की मैं रेहगुजर ढूँढता हूँ
किसिको मैं शाम-ओ-सहेर ढूँढता हूँ
अकेला हूँ मैं हमसफ़र ढूँढता हूँ
मोहब्बत की मैं रेहगुजर ढूँढता हूँ

यह महकी हुई रात कितनी हसीन हैं
यह महकी हुई रात कितनी हसीन हैं
मगर मेरे पहलू मे कोई नही हैं
मगर मेरे पहलू मे कोई नही हैं
मोहब्बत भरी एक नज़र ढूँढता हूँ
अकेला हूँ मैं हमसफ़र ढूँढता हूँ
मोहब्बत की मैं रेहगुजर ढूँढता हूँ

मेरे दिल में आजा, निगाहों में आजा
मेरे दिल में आजा, निगाहों में आजा
मोहब्बत की रंगीन राहों में आजा
मोहब्बत की रंगीन राहों में आजा
तुझी को मैं ओ बेख़बर ढूँढता हूँ
अकेला हूँ मैं हमसफ़र ढूँढता हूँ
मोहब्बत की मैं रेहगुजर ढूँढता हूँ

किधर जाऊँ वीरान हैं मेरी राहे
किधर जाऊँ वीरान हैं मेरी राहे
किसिको ना अपना सकी मेरी आहें
किसिको ना अपना सकी मेरी आहें
मैं आहों में अपनी असर ढूँढता हूँ
अकेला हूँ मैं हमसफ़र ढूँढता हूँ
मोहब्बत की मैं रेहगुजर ढूँढता हूँ
किसिको मैं शाम-ओ-सहेर ढूँढता हूँ
अकेला हूँ मैं हमसफ़र ढूँढता हूँ
मोहब्बत की मैं रेहगुजर ढूँढता हूँ
[ Correct these Lyrics ]

[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




अकेला हूँ मैं हमसफ़र ढूँढता हूँ
मोहब्बत की मैं रेहगुजर ढूँढता हूँ
अकेला हूँ मैं हमसफ़र ढूँढता हूँ
मोहब्बत की मैं रेहगुजर ढूँढता हूँ
किसिको मैं शाम-ओ-सहेर ढूँढता हूँ
अकेला हूँ मैं हमसफ़र ढूँढता हूँ
मोहब्बत की मैं रेहगुजर ढूँढता हूँ

यह महकी हुई रात कितनी हसीन हैं
यह महकी हुई रात कितनी हसीन हैं
मगर मेरे पहलू मे कोई नही हैं
मगर मेरे पहलू मे कोई नही हैं
मोहब्बत भरी एक नज़र ढूँढता हूँ
अकेला हूँ मैं हमसफ़र ढूँढता हूँ
मोहब्बत की मैं रेहगुजर ढूँढता हूँ

मेरे दिल में आजा, निगाहों में आजा
मेरे दिल में आजा, निगाहों में आजा
मोहब्बत की रंगीन राहों में आजा
मोहब्बत की रंगीन राहों में आजा
तुझी को मैं ओ बेख़बर ढूँढता हूँ
अकेला हूँ मैं हमसफ़र ढूँढता हूँ
मोहब्बत की मैं रेहगुजर ढूँढता हूँ

किधर जाऊँ वीरान हैं मेरी राहे
किधर जाऊँ वीरान हैं मेरी राहे
किसिको ना अपना सकी मेरी आहें
किसिको ना अपना सकी मेरी आहें
मैं आहों में अपनी असर ढूँढता हूँ
अकेला हूँ मैं हमसफ़र ढूँढता हूँ
मोहब्बत की मैं रेहगुजर ढूँढता हूँ
किसिको मैं शाम-ओ-सहेर ढूँढता हूँ
अकेला हूँ मैं हमसफ़र ढूँढता हूँ
मोहब्बत की मैं रेहगुजर ढूँढता हूँ
[ Correct these Lyrics ]
Writer: LAXMIKANT PYARELAL, RAJA MEHDI ALI KHAN
Copyright: Lyrics © Royalty Network


Tags:
No tags yet