सताए हुए को सताती है दुनिया
मिटाए हुए को मिटाती है दुनिया
मनाती है अपने घरों में दीवाली
ग़रीबों के दीपक बुझाती है दुनिया
ओ दुनिया वाले कितने
ज़ालिम हैं तेरी दुनिया वाले
ओ दुनिया वाले कितने
ज़ालिम हैं तेरी दुनिया वाले
बाहर से ये तन के उजले
लेकिन मन के काले
बाहर से ये तन के उजले
लेकिन मन के काले
ओ दुनिया वाले कितने
ज़ालिम हैं तेरी दुनिया वाले
ज़माना हमारा ज़माना नहीं है
यहाँ बेकसों का ठिकाना नहीं है
हमारी खुशी छीन लेती है दुनिया
कोई दिन हमारा सुहाना नहीं है
ओ दुनिया वाले कितने
ज़ालिम हैं तेरी दुनिया वाले
ओ दुनिया वाले कितने
ज़ालिम हैं तेरी दुनिया वाले
बता कब तलक़ यूँही रहना पड़ेगा
सितम तेरी दुनिया का सहना पड़ेगा
तुझी से है शिक़वा तुझी से शिक़ायत
तुझी से ओ मालिक ये कहना पड़ेगा
ओ दुनिया वाले कितने
ज़ालिम हैं तेरी दुनिया वाले
ओ दुनिया वाले कितने
ज़ालिम हैं तेरी दुनिया वाले
बाहर से ये तन के उजले
लेकिन मन के काले
ओ दुनिया वाले कितने
ज़ालिम हैं तेरी दुनिया वाले