बाज़ री मोरी पायलिया
बाज़ री मोरी पायलिया
मई तो रूठे पिया को मानने चली
बाज़ री मोरी पायलिया
आए उजले दर्पण तू ही बता
कैसा है ये हर सिंगर मेरा
आए उजले दर्पण तू ही बता
कैसा है ये हर सिंगर मेरा
ये कजरा गजरा ये बिंदिया
ये कजरा गजरा ये बिंदिया
मई अपने बाल्म को दिखाने चली
बाज़ री मोरी पायलिया
आए कंगना आज खनकटा जा
आए झुमके आज ढमाकता जा
आए कंगना आज खनकटा जा
आए झुमके आज ढमाकता जा
मैं प्रीत के सुने मंदिर मे
मैं प्रीत के सुने मंदिर मे
पूजा की ज्योत जगाने चली
बाज़ री मोरी पायलिया
जब अपने पी के मान भौ
तब जा के सुहागन काहलौ
ये सज़ा सज़ाया तन अपना
ये सज़ा सज़ाया तन अपना
मैं पि के चरणों मैं चढ़ाने चली
बाज़ री मोरी पायलिया
मई तो रूठे पिया को मानने चली
बाज़ री मोरी पायलिया