जिंदगीच्या परीघाची रे
पुसतो मी रेष ही आता
उरातल्या विजल्या मना
हीच सुबह हीच आशा
वो ओ ओ ओ ओ
पलके थे झुकी झुकी
खोलू तो में देखूं जग सारा
धावणाऱ्या वाऱ्या पाशी
शोधला किती मी हा विसावा
झाल्या विंदा सुकळेल्या पाकळ्या
उडू बन पंची गगन
रूठा खुद से पाकर जो ढूंढ़ ता
कसा शोधतो कुठे मी हरवला
गुमशुदा आ आ आ आ
गुमशुदा आ आ आ आ
गुमशुदा वो ओ ओ ओ
गुमशुदा वो ओ ओ
(?)
श्वास माझे रेंगाळती
भोवती तुझ्या शोधी सहारा
तुझ्या सवे धुंध व्हावे
चांदण्या वेचीत मग सार् या
अब तो डर से याराना हो चुका
लडू में अब खुद से ही
खुद से ही
खोया खूद को हासील जो सब हुआ
कसा शोधू कुठे मी हरवला
गुमशुदा आ आ आ आ
गुमशुदा आ आ आ आ
गुमशुदा वो ओ ओ ओ
गुमशुदा ये
का मांडला मी बेधुंदीत माझ्या
चुकला हा खेळ सारा
अश्रू माझे क्षण सारे
पाहिले मी सरताना
पुन्हा ध ढूंडू पल जो है खो चुका
जिऊ मै इस पल अभी पल अभी
हार बाजी सोचके जो जीता था
कसा शोधू कुठे मी हरवला
गुमशुदा आ आ आ आ (ओ ओ ओ)
गुमशुदा आ आ आ आ (ओ ओ ओ)
गुमशुदा आ आ आ आ (ओ ओ ओ)
गुमशुदा वो ओ ओ ओ (ओ ओ ओ)
गुमशुदा आ आ आ आ (ओ ओ ओ)
गुमशुदा आ आ आ आ (ओ ओ ओ)