रेत की तरह कांच का पंछी
मेरी ज़िन्दगी तेरी गुलाम क्यों
हाथ से फिसले टूट के टूटे
हाँ मेरी ज़िन्दगी तेरी गुलाम क्यों
रेत की तरह कांच का पंछी
मेरी ज़िन्दगी तेरी गुलाम क्यों
हाथ से फिसले टूट के टूटे
हाँ मेरी ज़िन्दगी तेरी गुलाम क्यों
इसको बता दे तू नहीं है तू नहीं थी
मेरे पास में मेरा दिल
तेरी याद में टूट ही जाए
हाँ रूठ ही जाए ख़ुद से
मेरा दिल तेरी याद में टूट ही जाए
हाँ रूठ ही जाए ख़ुद से
रेत की तरह, कांच का पंछी
मेरी ज़िन्दगी, तेरी ग़ुलाम क्यों
हाथ से फिसले, टूट के टूटे
हाँ मेरी ज़िन्दगी, तेरी ग़ुलाम क्यों
कच्ची सी ईटें, टूटी दीवारें
तेरे सहारे थी जो इस ज़माने में
हाथ में तेरे, थी मेरी दुनिया
मेरे सहारे थी जो किसी ज़माने में
मेरा दिल तेरी याद में टूट ही जाए
हाँ, रूठ ही जाए ख़ुद से
मेरा दिल तेरी याद में टूट ही जाए
हाँ रूठ ही जाए ख़ुद से
हो हो हो हो
इल्म है मुझको तू यहीं कहीं है
तेरे आंसू मेरे खून में रवां क्यों
दीखता नहीं क्यों इन आँखों को
दिल में फिर भी तेरे इतने निशाँ क्यूँ
मेरा दिल तेरी याद में टूट ही जाए
हाँ, रूठ ही जाए ख़ुद से
मेरा दिल तेरी याद में टूट ही जाए
हाँ, रूठ ही जाए ख़ुद से