रूप का मारा कोई, प्यार कैसे पाये
कोई हमको बताये, कोई हमको बताये
रूप का मारा कोई, प्यार कैसे पाये
कोई हमको बताये, कोई हमको बताये
जिस्म से ना रूप से था, इश्क़ तेरी रूह से था
कह तो देता रोक लेता, खुद को तेरे पास लाया
मिल सका न खो सका जो, आखों से तू बोल देता
टूट कर यूं प्यार करना, तुझको ना यह राज़ आया
रूप का मारा कोई, प्यार कैसे पाये
कोई हमको बताये, कोई हमको बताये
मैंने जिस्म देखे हैं, देखे चेहरे कई
मैं चीखा जब बेबी, सुन हुए बहरे कई यहां पे
ख्वाहिशों पे लगे पहरे कई
हा मुझे मार दिया जख्म है गहरे कई यहां पे
आईने भी सब तोड़ दिये
रसम रिवाज मेरे बस के नहीं छोड़ दिये सारे
खाली बैठे खुद से मैं करूं बातें तेरे बारे
मुझे देखो मेरे जैसे दिखते हैं बेचारे
अब क्या करूँ, मुझसे बात कर
पैर पडू तेरे या, जोड़ूँ मैं तेरे हाथ पर
बाप भी मेरा मुझसे नज़रे मिलाता नहीं
जीते जी है मारा, नहीं और बरबाद कर
है खुदा क्यों ये दुनिया बनायीं
हर आदमी फरेबी, साली झूठी परछाई
करामाते तेरी समझ ना आई
मुझे यादों के पिंजरे से देदे रिहाई अब
किसी ने सच ही कहा है के
हसीनाओं को प्यार में हां सर पे चढ़ाना नहीं
जाना हो तो कह देना बस
बेवफाई कर, खून के आंसू रुलाना नहीं
रूप का मारा कोई, प्यार कैसे पाये
कोई हमको बताये, कोई हमको बताये
रूप का मारा कोई, प्यार कैसे पाये
कोई हमको बताये, कोई हमको बताये
जिस्म से ना रूप से था, इश्क़ तेरी रूह से था
कह तो देता रोक लेता, खुद को तेरे पास लाया
मिल सका न खो सका जो, आखों से तू बोल देता
टूट कर यूं प्यार करना, तुझको ना यह राज़ आया
रूप का मारा कोई, प्यार कैसे पाये
कोई हमको बताये, कोई हमको बताये